जॉब इंश्योरेंस पॉलिसी
जब कार, घर, बीमारी , होम लोन, कार लोन ट्रांसपोर्ट, यहां तक की शादी, और ट्रेन एवम फ्लाइट में सफर करने का भी इंश्योरेंस होता है, दुनिया में हर उस चीज का इंश्योरेंस होता है जिसमे नुकसान होने का या फिर खोने की संभावना रहती हैं फिर लगभग 45% नौकरीपेशा लोग जो देश की अर्थव्यवस्था मे सबसे बड़ा योगदान देते है उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी चुनौती कही न कही यह होती है अपनी नौकरी को बचाना , एवम अपने परिवार का भरण पोषण करना जिसके लिए वो न चाहते हुए भी रोज अपने परिवार को छोड़ कर घर से दूर जा के 8 से 12 घंटे प्रतिदिन काम करते हैं गलती ना होने पर भी बॉस की गालियां सुनते हैं दिन रात एक किए रहते है सिर्फ इसलिए की उनकी नौकरी सुरक्षित रहे , फिर भी देश में हर महीने हजारों लोग अपनी नौकरी को किसी न किसी वजह से अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है कभी किस छोटी सी गलती की वजह से तो कभी ऑफिस पॉलिटिक्स, रिसेशन मशीनीकरण, एवम अन्य कारणो से भी , वजह चाहे जो भी हो परन्तु इस में जो सबसे ज्यादा नुकसान है वो उस कर्मचारी के परिवार का होता है जिसमे उस का कोई भी गलती नहीं होती
भारत में जॉब इंश्योरेंस है तो परंतु सिर्फ होम लोन ओर कार लोन के साथ में ले सकते है वो भी सिर्फ उस लोन की ईएमआई भरने तक ही सीमित है यहां मेरा सवाल है क्या प्राइवेट नौकरीपेशा लोगों के नौकरी का इंश्योरेंस नही होना चाहिए ? जिस से की उस परिवार को वित्तीय सहायता मिल सके उस के बुरे वक्त में और उसे किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े और उस में वो आत्मविश्वास बना रहे जिस से वो आसानी से बिना नौकरी खोने के दर के काम पर जा सके
धन्यवाद
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